
खून की होली मत खेलोप्यार के रंग मे रंग जाओ.जात-पात के रंग न घोलोमानवता मे रंग जाओ.भूख-गरीबी का दहन करोभाई चारे मे रंग जाओ.अहंकार की होली जलाकरविनम्रता मे रंग जाओ.ऊँच-नीच का भेद खत्म करआओ गले से मील जाओ.होली पर्व का यही संदेशादेश प्रेम मे रंग जाओ.प्रस्तुति-- डाo कीर्ति वर...