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शनिवार, 12 सितंबर 2009

हिन्दी पखवाड़े में आज का व्यक्तित्व ----"धर्मवीर भारती"

हिन्दी पखवाड़े को ध्यान में रखते हुए हिन्दी साहित्य मंच नें 14 सितंबर तक साहित्य से जुड़े हुए लोगों के महान व्यक्तियों के बारे में एक श्रृंखला की शुरूआत की है । जिसमें भारत और विदेश में महान लोगों के जीवन पर एक आलेख प्रस्तुत किया जा रहा है ।। आज की कड़ी में हम "धर्मवीर भारती जी" के बारे में जानकारी दे रहें ।आप सभी ने जिस तरह से हमारी प्रशंसा की उससे हमारा उत्साह वर्धन हुआ है । उम्मीद है कि आपको हमारा प्रयास पसंद आयेगाधर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। इनका जन्म २५ दिसंबर, १९२६- को प्रयाग में हुआ...

हराम जादा - लघुकथा ( राज भटिया की )

आंखो देखी, कानो सुनी... लेकिन आज का सचअरे कहा गये सब.... सुबह से एक रोटी नही मिली... एक बुजुर्गबहूं .. मिल जायेगी अभी समय नही...अरे बहूं मेने कल शाम से कुछ नही खाया..तो...बुढा अपने बेटे की तरफ़ देखता है, ओर बेटा बेशर्मो की तरह से नजरे चुरा कर कहता है... बाऊ जी आप भी बच्चो कीतरह से चिल्लते है... थोडा सब्र क्यो नही करते??बुढा... अपने बेटे से कमीने तुझे इस लिये पाल पोस कर बडा किया था....तभी बहु की आवाज आती है ..... हराम जादे तू कब मरेगा... हमारी जान कब छोडेगा यह कुत्ता... सारा दिन भोंकने केसिवा इसे कोई दुसरा काम नही.......( जब कि यह परिवार उसी हराम...