हमको जन्म देने वाली माँ और फिर जीवनसाथी के साथ मिलनेवाली दूसरी माँ दोनों ही सम्मानीय हैं। दोनों का ही हमारेजीवन मेंमहत्वपूर्ण भूमिका होती है।इस मदर्स डे पर 'अम्मा' नहीं है - पिछली बार मदर्स डे पर उनकेकहे बगैर ही ऑफिस जाने से पहले उनकी पसंदीदाडिश बना कर दीतो बोली आज क्या है? शतायु होने कि तरफ उनके बड़ते कदमों नेश्रवण शक्ति छीन ली थी।इशारेसे ही बात कर लेते थे। रोज तो उनकोजो नाश्ता बनाया वही दे दिया और चल दिए ऑफिस।वे अपनी बहुओं के लिए सही अर्थों में...