यह मेरा निर्झर मन है ,जो झर झर झर झर झर बहता अविरल गति से बहते बहते ,जीवन की कविता कहता जीवन क्या है ,मलयानिल -पुरवाई बहती रहती है सुख दुःख आते रहते हैं ,यह दुनिया चलती रहती है जीवन क्या है मंद मंद धुन पर ढलता संगीत है जीवन लय है ताल है सुर है ,जीवन सुन्दर गीत है प्रियतम-प्रिय का मिलना जीवन , साँसों का चलना है जीवन मिलना और बिछुड़ना जीवन,जीवन हार ,जीत भी जीवन कोइ कहता नर से जीवन,कोइ कहता नारी जीवन नर-नारी जब सुसहमत हों,आताही तब घर में जीवन जीवन तो बस इक कविता है,कवी जिसमें भरता है जीवन सारा जग यदि कवी बनजाये,पल-पल मुस्काये ये जीवन गीत का बनना,...