याद आता हैवो माँ का लोरी सुनानाकल्पना के घोड़े परपरियों के लोक ले जानाचुपके से दबे पांवनींद का आ जानासपनों की दुनियाँ मेंबस खो जाना ...खो जाना...खो जाना.................. याद आता हैवो दोस्तों संग खेलनाझूले पर बैठ करहवा से बातें करनाकोमल उन्मुक्त मन मेंइच्छाओं की उड़ान भरनाबस उड़ते जाना...उड़ते जाना...उड़ते जाना............. याद आता हैवो यौवन का अल्हड़पनसावन की फुहारेंवो महका बसंतसमेट लेना आँचल मेंकई रुमानी ख़ाबझूमना फिज़ाओं संगबस झूमते जाना...झूमते जाना...झूमते जाना............ याद आता हैवो हर गुजरा पलबस याद आता है...याद आता है...याद आता...