
जब भी देखता हूँ
किसी महल या मंदिर को
ढूँढने लगता हूँ अनायास ही
उसको बनाने वाले का नाम
पुरातत्व विभाग के बोर्ड को
बारीकी से पढ़ता हूँ
टूरिस्टों की तीमारदारी कर रहे
गाइड से पूछता हूँ
आस-पास के लोगों से भी पूछता हूँ
शायद कोई सुराग मिले
पर हमेशा ही मिला
उन शासकों का नाम
जिनके काल में निर्माण हुआ
लेकिन कभी नहीं मिला
उस मजदूर का नाम
जिसने खड़ी की थी
उस मंदिर या महल की नींव
जिसने शासकों की बेगारी कर
इतना भव्य रूप दिया
जिसकी न जाने कितनी...