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शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

कभी सोचा ना था

कभी सोचा ना था की रुकना पङेगा ! इस जिन्दगी मे पीसना भी पङेगा !! लोग कहते रह गये मै कभी झुका नही ! मै सहता रह गया लेकिन कभी टुटा नही !! प्यार देता रह गया हाथ आया कुछ नही! मौत के बाद साथ आया कुछ नही !! यहा हर तरफ है दर्द, नफरत प्यार पाया कुछ नही ! लोग की इस सोच का अंदाज आया कुछ नही !! मै प्यार करता हू सभी से अपना-पराया कुछ नही ! मै बनू सच्चा मनुष्य है इतर सपना कुछ नही !! लोगो के मै काम आंऊ और इच्छा कुछ नही ! प्यार मै दू सभी को नफरत मै करू नही ...