राज की नीति.......! शहर की सडकों पर कुछ दिनों से रोजना युवाओं के दौडते फर्राटेदार वाहनों और उस पर जिन्दाबाद का शोर,बरबस ही शहर के जिन्दा होने का प्रमाण दे जाता है।युवाओं की भागदौड देखकर लगा कि शायद किसी आन्दोलन या फिर बाजार बन्द की तैयारी चल रही है। लेकिन हमारे अनुमान पर भैय्याजी के पिचके आम से चेहरे ने पानी फेर दिया।उनका निचुडा सा चेहरा देख,हमने पुछ ही लिया कि भैय्या जी आखिर माजरा क्या है...?युवाओं के जोश को देख कर वे काहे को दुबले हुऐ जा रहे हैं ? भैय्या जी तपाक से बोले -तुम्हें मालूम है कि युवाओं में इतना जोश क्यों है ...? --क्यों है भला.....?...