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शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

प्रकृति

रात की निर्जनता का सृजन कोई बतला दे ! इस उदासता और कठोरता का मर्म कोई बतला दे !! सात समन्दर की लहरो का अन्त कोई बतला दे ! इस दुनिया के निर्मम जीवन के अन्त कोई बतला दे !! प्रेम और घृणा के खेल का अन्त कोई बतला दे ! रात और दिन के मिलन का अन्त कोई बतला दे !! इस दुनिया के निर्मम रीति रिवाजो का अन्त कोई बतला दे ! इन लोगो के लोभ का अन्त कोई बतला दे !! मानवता और निर्दयता के संघर्ष का अन्त कोई बतला दे ! मेरे इस कटु जिवन का अन्त कोई बतला दे !! सुरज चांद सितारो का अन्त कोई बतला दे ! सुरज की चुभती किरणो का अन्त कोई बतला दे !! मै और तु के संघर्ष का अन्त...