
घर का चूल्हा जलता देखाचूल्हे में लकड़ी जलती देखीउस पर जलती हाँड़ी देखी,हाँड़ी में पकते चावल देखे,फिर भी प्राणी जलते देखे।घर का चूल्हा जलता देखा।। हाय.. रे..घर...का..चूल्हा...।घर का चूल्हा जलता देखा।। खेतों में हरियाली देखीघर में आती खुशीयाली देखीबच्चों की मुस्कान को देखा,मन में कोलाहल सा देखा,मंडी में जब भाव को देखाश्रम सारा पानी सा देखा। हाय.. रे..घर...का..चूल्हा...।घर का चूल्हा जलता देखा।। घर का चूल्हा जलता देखाबर्तन-भाँडे बिकता देखाहाथ का कंगना...