कल ही एक मित्र मेरे पास आए और बोले "शहर में एक बड़े ही पहुंचे हुए पंडित जी आएं है ! वे बड़े ही ज्ञानवान समाजसेवी और नेक ह्रदय के व्यक्ति हैं ! १५ दिन से शहर में उनका सत्संग चल रहा है !"
तो मै क्या करूँ जी वैसे भी आपको ज्ञेय हैं की मुझे सत्संग वत्संग में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है ! मैंने उनसे कहा ! फिर भी, चलिए जी घूम आइएगा, वैसे भी घर पर क्या करेंगे ! उन्होंने कहा ! उनके अनुरोध पर मैंने सोंचा "चलो भई घूम आते है !" हम दोनों सत्संग स्थल की और रवाना हुए ! कुछ ही देर में सत्संग स्थल पहुँच गए ! सत्संग स्थल में भव्य सजावट थी ! जगह जगह पर गेंदा गुलाब के...