हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

शनिवार, 6 फ़रवरी 2010

महाकवि बिहारी ....................आलेख -----[संतोष "प्यासा"]

कविवर बिहारी हिन्दी साहित्य के लोकप्रिय कवि है। कविवर बिहारीलाल का जन्म सन १६०० में बसुआ गोविंदपुर नामक गाँव में ग्वालियर जिले में हुआ था।जन्म ग्वालियर जानिये खंड बुन्देलेबाल ।तरुणाई आई सुधर ,मथुरा बसि ससुराल । ।कविवर बिहारी माथुर जाति के ब्राह्मण थे। महाराज जयसिंह को उन्होंने निम्नलिखित दोहा सुनाकर मुग्ध कर लिया :-नहि पराग नहिं मधुर मधु ,नहिं विकास यहि काल ।अली कलि ही सो बंध्यो ,आगे कौन हवाल । ।कविवर बिहारी ने अपनी एकमात्र रचना सतसई (सात सौ दोहों...

इत्तेफाक' एक प्रेम कहानी ----------[अनिल कान्त]

ऐसा नहीं था कि जो हो रहा था मैं इन सब से बेखबर था....लेकिन शायद मैं अपने वजूद की तलाश में था....मैं खुद की तलाश में था....और इसी तलाश में कब उससे टकरा गया पता ही नहीं चला....ये भी एक अजीब इत्तेफाक है कि उसका और मेरा मिलना भी एक इत्तेफाक से हुआ.....ये इत्तेफाक भी बड़े अजीब होते हैं....कभी कभी जिंदगी के मायने ही बदल देते हैं किताबों में डूबे रहना मेरा शौक भी था और सच कहूं तो मेरी कमजोरी कह लें या एकमात्र सहारा....या तो किताबें मुझे तलाशती या मैं किताबों को....इसी तलाश में मेरा एक दिन उसी जगह जाना हुआ जहाँ मैं अक्सर जाया करता....उस किताब वाले के पास...