काव्य -प्रेम /व्यंग्यएक काव्य प्रेमी हमारे पास आयेबोलेबन्धु कोई कविता सुनाओ उनके काव्य प्रेम को देखकविता की प्रसव पीडा ने हमें आन सतायाहमने श्रंगार की प्रथम डोज पिलाने के चक्कर मेंचन्द्रमुखी नायिका के गदराये यौवन वाली रचना सुनाईउन्होंने तुरन्त टांग अडाईतुम कौनसी सदी के कवि हो भाईऐसी रचनाऐं दसवीं के कोर्स में आती हैंछात्रों को मीठे सपनें दिखाती हैंतुम भी मीठे सपने दिखाने लगेगदराऐ यौवन की बाते बताने लगेशायद तुमने नहीं देखीदहेज की आग में झुलसती हुई नवयौवनाऐंसूखी छाती से चिपके दुध-मुँहे बच्चेबूढे माँ-बाप की खातिरयौवन के आगमन से बेखबरओफिस में कलम धिसति...