हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

बुधवार, 9 सितंबर 2009

हिन्दी पखवाड़े में आज का व्यक्तित्व ---"क़ुर्रतुल ऐन हैदर"

हिन्दी पखवाड़े को ध्यान में रखते हुए हिन्दी साहित्य मंच नें 14 सितंबर तक साहित्य से जुड़े हुए लोगों के महान व्यक्तियों के बारे में एक श्रृंखला की शुरूआत की है । जिसमें भारत और विदेश में महान लोगों के जीवन पर एक आलेख प्रस्तुत किया जा रहा है । । आज की कड़ी में हम "क़ुर्रतुल ऐन हैदर जी" के बारे में जानकारी दे रहें ।आप सभी ने जिस तरह से हमारी प्रशंसा की उससे हमारा उत्साह वर्धन हुआ है । उम्मीद है कि आपको हमारा प्रयास पसंद आयेगा क़ुर्रतुल ऐन हैदर, जिन्हे सब ऐन नाम से पुकारते थे, प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के शहर अलीगढ़...

"गुमसुम तन्हा क्यों"- --जतिन्दर परवाज़

आँखें पलकें गाल भिगोना ठीक नहींछोटी-मोटी बात पे रोना ठीक नहींगुमसुम तन्हा क्यों बैठे हो सब पूछेंइतना भी संज़ीदा होना ठीक नहींकुछ और सोच ज़रीया उस को पाने काजंतर-मंतर जादू-टोना ठीक नहींअब तो उस को भूल ही जाना बेहतर हैसारी उम्र का रोना-धोना ठीक नहींमुस्तक़बिल के ख़्वाबों की भी फिक्र करोयादों के ही हार पिरोना ठीक नहींदिल का मोल तो बस दिल ही हो सकता हैहीरे-मोती चांदी-सोना ठीक नहींकब तक दिल पर बोझ उठायोगे ‘परवाज़’माज़ी के ज़ख़्मों को ढ़ोना ठीक न...