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बुधवार, 12 जनवरी 2011

स्वामी विवेकानंद की कविता{”शान्ति”-} सन्तोष कुमार “प्यासा”

”शान्ति”- स्वामी विवेकानंदस्वामी विवेकानन्द द्वारा लिखित अंग्रेजी की मूल कवितान्यूयार्क में अंग्रेजी में लिखित , १८९९ ई .|**************************************************************देखो जो बलात्  आती है , वह शक्ति , शक्ति नहीं है !वह प्रकाश , प्रकाश नहीं है , जो अँधेरे के भीतर है |और न वह छाया , छाया ही है ,जो चकाचौंध करने वाले प्रकाश के साथ है |आनंद  वह है , जो कभी व्यक्त हुआ ही नहीं ,और अनभोगा , गहन दुःख है अमर जीवन ,जो जिया नहीं गया और अनंत मृत्यु ,जिस पर किसी को शोक नहीं हुआ |न दुःख है , न सुख ,सत्य वह है , जो इन्हें मिलाता है...

युगद्रष्टा "स्वामी विवेकानंद"---------- मिथिलेश

विश्व के अधिकांश देशों में कोई न कोई दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती अर्थात १२ जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवादिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया। इसके महत्त्व का विचार करते हुए भारतसरकार ने घोषणा की कि सन १९८५ से 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानन्द जयन्ती का दिन राष्ट्रीय युवा दिन के रूप में देशभर में सर्वत्र मनाया जाए।इस सन्दर्भ में भारत सरकार का विचार था कि -ऐसा अनुभव हुआ कि स्वामी जी का दर्शन एवं स्वामी जी के जीवन...