
कंचन चमक शरीर हैमगर आँख में नीर हैजिसकी चाहत वही दूर मेंकैसी यह तकदीर हैमिल न पाते मिलकर के भीकिया लाख तदबीर हैलोक लाज की मजबूती सेहाथों में जंजीर हैदिल की बातें कहना मुश्किलपरम्परा शमसीर हैप्रेम परस्पर न हो दिल मेंव्यर्थ सभी तकरीर हैपी कर दर्द खुशी चेहरे परयही सुमन तस्वीर...