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मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

‘‘बातें हिन्दी व्याकरण की’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

कुछ बातें हिन्दी व्याकरण कीअक्षर “अक्षर” के नाम से ही जान पड़ता है कि जिसका क्षर (विभाजन) न हो सके उन्हे “अक्षर” कहा जाता है!वर्णअक्षर किसी न किसी स्थान से बोले जाते हैं। जिन स्थानों से उनका उच्चारण होता है उनको वरण कहते हैं। इसीलिए इन्हें वर्ण भी कहा जाता है।स्वरजो स्वयंभू बोले जाते हैं उनको स्वर कहा जाता है। हिन्दी व्याकरण में इनकी संख्या २३ मानी गई है।हृस्व     दीर्घ     प्लुतअ        आ         अ ३इ        ...