खून की होली मत खेलो
प्यार के रंग मे रंग जाओ.
जात-पात के रंग न घोलो
मानवता मे रंग जाओ.
भूख-गरीबी का दहन करो
भाई चारे मे रंग जाओ.
अहंकार की होली जलाकर
विनम्रता मे रंग जाओ.
ऊँच-नीच का भेद खत्म कर
आओ गले से मील जाओ.
होली पर्व का यही संदेशा
देश प्रेम मे रंग जाओ.
प्रस्तुति-- डाo कीर्ति वर्धन
5 comments:
बहुत ही बढ़िया जन संदेश दिया है आपने अपनी रचना के माध्यम से , आपको होली की बधाई ।
बहुत ही उम्दा संदेश दिया है आपने होली के पावन अवसर पर, आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।
डाo साहब काश की आपकी बातों पर अमल किया जाए और हर दिंन ही प्रेम के साथ बिते , बहुत ही बढ़िया रचना लगी , आपको होली की बधाई ।
रंग पर्व की रंगकामनाएं
सच्चे सन्देश देती सुंदर रचना जिसकी आज हमें परम आवश्यकता - धन्यवाद् - होली "मंगल-मिलन" की हार्दिक शुभकामनाएं
एक टिप्पणी भेजें