चेहरे से साफ झलकता है इरादा क्या है
सच छुपाने के लिये देखिये कहता क्या है
जैसे इन्सान में अहसास नहीं बाकी आज
किस घडी कौन बदल जाये भरोसा क्या है
फूलों से खुशबू महकती नहीं पहले जैसी
सोचिये अपनी मशीनों से निकलता क्या है
प्यार की चाह की ओर चैन गंवाया हमने
दिल लगाने का बताईये नतीजा क्या है
सामने पाके मुझे आप ठहर जाते हो
सच बताओ कि मेरा आपसे रिश्ता क्या...