
वो झुकी झुकी सी आँखें उसकी और लबों पे मुस्कान का खिल आना,बस मेरी एक छुअन से उसका ख़ुद में सिमट जाना,फिर हौले से खोलना झील सी आँखें और मेरा उनमें डूब जाना,शरारत भरी निगाहों से फिर मेरे दिल में उसका उतर जाना,रखना फिर मेरे कांधे पे सर अपना और उसका वो ग़ज़ल गुनगुनाना,मुहब्बत है क्या बस ऐसे ही एक पल में मैंने है जाना.......वो पायल की झंकार और उसकी चूड़ियों का खनखनाना,चाल में मस्ती और उसका आँचल को लहराना,सुनकर मेरी बातों को उसका हौले से मुस्कुराना,मेरी...