नेताराजनीति के भंवर मे सब नेता बन गये हैंइस देश के निर्माता अभिनेता बन गये हैंमहिलाओं की आज़ादी के भाषण कूटते हैंचौरास्ते पर उनकी इज्जत लूटते हैंगरीबों की भलाई के लिये क्या नही करतेउनके नाम की ग्रांट से अपनी जेबें भरतेभ्रष्टाचार खत्म करने की कसमे खाते हैंबेईमानी की गंगा मे दिन रात नहाते हैंजो सच्चा इनसान हो उससे तो कतरातेहैंवो काम कराने जाये तो उसे डराते हैकाम कराना हो इनसे तो नेतगिरी दिखलाओविपक्षी की निन्दा करो इस नेता के गुण ...