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सोमवार, 9 नवंबर 2009

"मियाँ-मियाँ राजी तो क्या करेगा काजी "

क्या हुआ, क्या कहा आपने मै कहावत भुल गया हूँ, अरे नही ऐसी कोई बात नही है। अगर आपको लगता है कि मै कहावत भूल गया हूँ तो आप ऐसा बिल्कुल ना सोचें मुझे भलिभाँती कहावत याद है। आखिर क्या करुं हम और आप ही तो कहते है कि बदलाव व परिवर्तन बहुत जरुरी है हम और आप कहते है कि हमें जमाने के साथ-साथ चलना चाहिये नही तो हम दुनियाँ मे पीछे हो जायेगें। हम और आप बस परिवर्तन की बात करते है लेकिन हम परिवर्तन करते नही , इस चिज को लेकर हमारी सरकार बहुत जागरुक है। अगर देखाँ जाये तो हामरे सरकार के साथ कुछ और इसका ख्याल रखते है, जैसे उच्च न्यायालय , और कोई है जो इस परिवर्तन...