हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

रविवार, 12 दिसंबर 2010

हाइकु ----------(दिलबाग विर्क )

तोड़ लेती है टहनियों से फूल स्वार्थी दुनिया व्यवस्था बुरी जब हम पिसते अन्यथा नहीं चाँदी काटना सत्ता का मकसद मेरे देश में नेता सेवक चुनावों के दौरान फिर मालिक इच्छा सबकी बदल दें...