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मंगलवार, 29 सितंबर 2009

महात्मा गांधी-----------------" कस्तूरबा गांधी"

महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस को देखते हुए हिन्दी साहित्य मंच इस अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ घटनाओं का उल्लेख श्रृखंला बद्ध रुप से कर रहा हैं। आशा है कि आप लोग पसन्द करेंगे। आज की कड़ी में हम कस्तूरबा गांधी जी के बारे में जानेंगेमहात्मा गांधी की तरह काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में 11 अप्रैल, 1869 में जन्म, इस प्रकार वे आयु में गांधी जी से 6 मास बड़ी थीं। उनके पितागोकुलदास मकनजी साधारण स्थिति के व्यापारी थे। कस्तूरबा उनकी तीसरी संतान थीं। उन दिनों कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं, विवाह भी अल्पवय में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी बचपन...

गजल ..........................कवि कुलवंत जी

देख कर लोग मुझे रश्क किया करते हैं .क्या पता उनको छुपे गम मुझमें रहते हैं .जी लिया है लगता जिंदगी ने हमको बहुत,हर घड़ी को अब हम बोझ समझ सहते हैं .जिसको भी अपना समझ दिल में बसाया हमने,चेहरा खुद का दिखाने से भी वह डरते हैं .कितने आंसू हैं बहाए अपनों की खातिर,अब तो आंखों से दो आंसू भी नही बहते हैं .घाव इतने हैं दिये उसने हमें छलनी किया,शान से फिर भी देखो अपना हमें कहते हैं .राम हर युग में नही पैदा हैं होते लेकिन,हर गली कूचे में रावण तो यहां रहते हैं...

तब रिश्ते अग्नि के चारों ओर---------" निर्मला कपिला जी"

तब रिश्तेअग्नि के चारों ओरफेरे दे करतपाये जातेप्रण ले करनिभाये भी जातेऔर कई बाररिश्तों मेएक पल निभाना भीहो जाता है कितना कठिनतभी तो आजकलरिश्ते कागज़ परलिखाये जाते हैंअदालत मे औरबनाये जाते हैवकील दुआराअब कितना आसान हो गयारिश्ते को तोड्नाकागज़ पर कुछशब्द जोड्नाऔर हो जानाबन्धन से आज...