क्या मालुम था मेरा शोणित ,,केवल पानी कहलायेगा ,,,क्या मालुम था जीवन अर्पण ,,ओछा आँका जाएगा ,,,क्या मालुम था मरने पर भी ,,अपमानित होकर रोना होगा ,,,मेरी विधवाओं को पल पल ,,,दर्दो को ही ढोना होगा ....क्या मालुम था बलिदानी किस्सा ,,अखबारों मे खो जाएगा,,,क्या मालुम था मेरा शोणित ,,केवल पानी कहलायेगा ,,,उंगली उठेगी बलिदानों पर ,,ये सत्कार भला होगा ,,,लहू अश्रु रोयेगा वो ,,,जो बलिदानी चाल चला होगा ,,,आग लगेगी सीने मे ,,,रो आसूं पी जाएगा ,,,,क्या मालुम था मेरा शोणित ,,केवल पानी कहलायेगा ,,,खूब भुनायेगे बलिदानों को ,,,वो वोटो की खातिर ,,,खूब सुनायेगे भाषण...