कुछ अरमान दिल में हमने भी सजाये हैंहम भी कुछ हैं दुनिया को बताना हैहमने भी सोचा है कुछ , कुछ हमने भी चाहा हैहम छुवेंगें बुलंदी को हमें आसमान को झुकाना हैमितायेंगें ये उंछ नीच की दिवार हमारी आरजू हर ख्वाब को हकीकत बनाना हैदुनिया के दस्तूरों से दूर एक प्यारा जहाँ बनाना हैजहाँ न हो भ्रष्टाचार धर्म मजहब और जाती पाती की बातें ,सिर्फ़ हो मानवता की पूजा सच्चाई और ईमानदारी का व्रतऐसा एक जहाँ हमें बसाना हैतोड़ कर राजनैतिक दीवारों को मिटा कर अमीरी गरीबी के मतभेद कोहमें मिलकर प्रेम गीत गाना हैप्रणय की वर्षा करके चाहत के फूल खिला कर क्लिष्ट और क्लान्ति मिटा...