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शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

" बातों में गुम ".........ललित कर्मा

दो लड़कियों को देखाकचरा बीन रही थी,चार-पांच साल उम्र रही थी,दोनों की,वह जा रहा था,सायकल पर हो सवार,रोज की तरह,जब जाता है वह ,देखता है मकान-दुकान,गाड़ी-घोड़े, आते-जाते लोग,सहसा दो ये बालिकाएँ भी दिख पड़ी,उसने मुझसे पूछा,तुम्हे कुछ होता है?,ऐसा देखता है जब,मैंने कहा - मुझे क्या होगा?तुझ जैसा मैं भी हूँ,दो बातें तू कह लेगा,और उनको चार बना कर,मैं कह दूंगा,इन्ही बातों में बच्चियाँ गुम हो जाएगी,वे बच्चियाँ जो कचरा बीन रही थी|--------------------------------------------------------------...