हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

शुक्रवार, 29 मई 2009

सुप्रीमो को सुप्रीम कोर्ट क संरक्षण

सुप्रीमो को सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण -अजी सुनते हो.......! सुबह-सुबह चाय के कप से भी पहले श्रीमती जी की मधुर वाणी हमारे कानों में पडते ही हम समझ जाते हैं कि आज जरूर कोई नई रामायण में महाभारत होने होने वाली है। आप सोचते होगें कि अजीब प्राणी है । भला रामायण में महाभारत की क्या तुक है। दोनों का एक दूसरे के साथ भला क्या तालमेल....?लेकिन बन्धु ऐसा ही होता है शादी-शुदा जिन्दगी में सब कुछ संभव है।जब मेरे जैसे भले जीव के साथ हमारी श्रीमती जी का निर्वाह संभव हो सकता है तो समझ लीजिऐ कि रामायण में महाभारत भी हो सकती है। श्रीमती की वाणी से वैसे ही हमारे कान...

हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल - " भारतेन्दु हरिशचंद्र " [ आलेख ]

हिंदी साहित्य का आधुनिक काल तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों से प्रभावित हुआ। इसको हिंदी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ युग माना जा सकता है, जिसमें पद्य के साथ-साथ गद्य, समालोचना, कहानी, नाटक व पत्रकारिता का भी विकास हुआ। इस काल में राष्ट्रीय भावना का भी विकास हुआ। इसके लिए श्रृंगारी ब्रजभाषा की अपेक्षा खड़ी बोली उपयुक्त समझी गई। समय की प्रगति के साथ गद्य और पद्य दोनों रूपों में खड़ी बोली का पर्याप्त विकास हुआ। भारतेंदु बाबू हरिश्चंद्र तथा बाबू अयोध्या प्रसाद खत्रीने खड़ी बोली के दोनों रूपों को सुधारने में महान प्रयत्न किया।इस काल के आरंभ में राजा लक्ष्मण...

क्या कहूँ

क्या कहूँमेरे प्यार मे ना रही होगी कशिशजो वो करीब आ ना सकेहम रोते रहे तमाम उम्रवो इक अश्क बहा ना सकेपत्थर की इबादत तो बहुत कीपर उसे पिघला ना सकेजो उन्हें भी दे सकूँ जीने के लियेवो एहसास दिला ना सकेबहुत किये यत्न हमनेपर उनको करीब ला ना सकेपिला के जाम कर दो मदहोश मुझेउस बेदर्दी की याद सता ना ...