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सोमवार, 23 नवंबर 2009

कमली .......................(कहानी )....................नीशू तिवारी

बचपन से ही तंग गलियों में बीता बचपन हमेशा ही एक हसीन सपना बुनता था उसका । मां , बाबा और कमली यही दुनिया थी उसकी । किसी तरह से कमली को उसके बाबा ने पेट तन काट कर पढ़ाने की कोशिश की । आज कमली इण्टर ( १२ वीं ) में दाखिल हुई थी । कमली तो खुश थी ही साथ ही साथ उसके बाबा की खुशी का ठिकाना न रहा था । कमली पढ़ाई में अव्वल रही थी हमेशा से ........इस कारण मां और बाबा ने हमेशा कमली को पढ़ाने के लिए कोई कोर कसर न छोड़ी थी । पैसे की कमी होते हुए भी किसी तरह से गुजारा चलता , स्कूल में कमली को टीचर जी ने मुफ्त ही ट्यूशन देने की बात कही थी । कमली भी पूरे मन से...

आज की जरूरत--------- {निर्मला कपिला }

नारी आज जरूरत आन पडीनि्रीक्षण् की परीक्षण कीउन सृजनात्मक संम्पदाओं केअवलोकन कीजिन पर थीसमाज की नींव पडीप्रभू ने दिया नारी कोकरुणा वत्सल्य का वरदानउसके कन्धों पररख दियासृष्टी सृजनशिशु-वृँद क चरित्र और्भविश्य का निर्माणबेशक तुम्हारी आज़ादी परतुम्हारा है हकमगर फर्ज़ को भी भूलो मतअगर बच्ची देश का भविश्यहो जायेगा दिशाहीनअपनी सभ्यता संस्कृति से विहीनतो तेरे गौरव मे क्या रह जायेगा?क्यों कि बदलते परिवेश मेआज़ादी के आवेश मेपत्नि, माँ के पास समयकहाँ रह जायेगाउठ,कर आत्म मंथनकि समाज को दिशा देने कीजिम्मेदारी कौन निभायेगाए त्याग की मूरतीतेरा त्यागमयी रूपकब...