बचपन से ही तंग गलियों में बीता बचपन हमेशा ही एक हसीन सपना बुनता था उसका । मां , बाबा और कमली यही दुनिया थी उसकी । किसी तरह से कमली को उसके बाबा ने पेट तन काट कर पढ़ाने की कोशिश की । आज कमली इण्टर ( १२ वीं ) में दाखिल हुई थी । कमली तो खुश थी ही साथ ही साथ उसके बाबा की खुशी का ठिकाना न रहा था । कमली पढ़ाई में अव्वल रही थी हमेशा से ........इस कारण मां और बाबा ने हमेशा कमली को पढ़ाने के लिए कोई कोर कसर न छोड़ी थी । पैसे की कमी होते हुए भी किसी तरह से गुजारा चलता , स्कूल में कमली को टीचर जी ने मुफ्त ही ट्यूशन देने की बात कही थी । कमली भी पूरे मन से...