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बुधवार, 18 नवंबर 2009

" कविता प्रतियोगिता सूचना "---- भाग लें और जीतें इनाम----

हिन्दी साहित्य मंच "तृतीय कविता प्रतियोगिता" दिसंबर माह से शुरु हो रही है। इस कविता प्रतियोगिता के लिए किसी विषय का निर्धारण नहीं किया गया है अतः साहित्यप्रेमी स्वइच्छा से किसी भी विषय पर अपनी रचना भेज सकते हैं । रचना आपकी स्वरचित होना अनिवार्य है । आपकी रचना हमें नवंबर माह के अन्तिम दिन तक मिल जानी चाहिए । इसके बाद आयी हुई रचना स्वीकार नहीं की जायेगी ।आप अपनी रचना हमें " यूनिकोड या क्रूर्तिदेव " फांट में ही भेंजें । आप सभी से यह अनुरोध है कि मात्र एक ही रचना हमें कविता प्रतियोगिता हेतु भेजें ।प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाली रचना को...

असफलता और निराशा में सफलता व आशा का दर्शन करें

"सफलता का एक कोई पल नही,विफलता की गोद में ही गीत है।हार कर भी जो नही हारा कभी,सफलता उसके ह्रदय का गीत है।"असफलता को सफलता की प्रेरणा और निराशा को आशा की जननी मानने वाले व्कति ही सफल होते है।जब कोई घुङसवार घोङे से गिरता है, तब वह तुरन्त अपने कपङे झाङकर और चोटिल शरीरांगो को सहलाकर दुबारा घोङे पर बैठ जाता है, क्योकिं उसको विश्वास रहता है कि दो चार बार गिरने के बाद ठीक तरह से घुङसवारी करना आ जाएगा जो चढेगा नही वह गिरेगा क्यो? जो गिरकर बैठ जाएगा वह चढना क्योकंर सीख पाएगा? दोष गिरने मे नहीं, गिरकर न उठने मे है।घुङसवार की मानसिकता से क्या हम कोई शिक्षा...