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मंगलवार, 21 सितंबर 2010

गीतकार अवनीश सिंह चौहान हिंदी दिवस पर सम्मानित

मुरादाबाद. हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर दिनांक 13-9-2010 को साहित्यिक संस्था ‘अक्षरा’ और ‘हिंदी साहित्य संगम’ सहित महानगर की छः संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय गायत्री प्रज्ञा पीठ के सभागार में सम्मान समारोह, विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार नवगीत कवि श्री माहेश्वर तिवारी, मुख्य अतिथि हिन्दू महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ रामानंद शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि...

बचपन

चूल्हे ‍की आग से निकलते धुएँ सेमाँ की आँखों से आँसू बहता हुआगाल से गले तक फिसलता चला जाता हैमैं बार बारचिल्लाता हूँमाँ खाना कहाँ हैं ...माँ आँचल से मुंह पोंछते हुएदुलार से कहती हैला रही हूँ बेटाखाने में कुछ पल देर होते हीमैं रूठ जाता हूँमाँ चुचकार करदुलारकर अपने हाथों सेरोटी खिलाती हैफिर भी मैं मुंह दूसरी तरफ़किए हुए रोटी खा लेता हूँ ,माँ प्यार से देर यूँ हीखाना खिलाती है और मुझे मानती हैमैं माँ को देखकर खुश होता हूँऔर भाग जाता हूँघर में छिपने के लिए ....माँ कुछ देर मुझे इधर उधरखोजती हैऔर बक्से के पीछे से ढूंढ लेती हैमैं खुद को हारा महसूस...