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सोमवार, 10 जनवरी 2011

कवि का प्यार...............(सत्यम शिवम)

कवि को हो गया लेखनी से प्यार, इसी उधेरबुन में वो है लाचार, अपनी पीडा लेखनी को क्या बताऊँ, साथी को अपना साथ कैसे समझाऊँ। मेरी पहचान है तेरे बगैर, उस दीप का जो बात के बिन क्या अँधेरा दूर करे, मेरी संगीत है तेरे बगैर, उस गीत सा जो ताल के बिन क्या मधुर रस शोर करे। तु राग है,और मै तेरा हमराज हूँ, कैसे कहुँ मेरी कविता का बस तु ही साज है। शब्दों को गढ़ कैसे मुझे लुभाती है, कविता से कवि को कैसे कैसे सपने दिखाती है। छन छन थिरक नर्तकी सी, वो नृत्यांगना...

कविवर जितेन्द्र जौहर को मिला ‘सृजन-सम्मान-२०१०’

रॉबर्ट्‍सगंज (सोनभद्र, उप्र, भारत) २३ दिसम्बर,२०१० स्थानीय विवेकानन्द प्रेक्षालय में अंग्रेज़ी दैनिक ‘सोनभद्र कॉलिंग’ के विमोचन समारोह एवं हिन्दी दैनिक ‘बहुजन परिवार’ के स्थापना-दिवस के संयुक्त मौक़े पर ‘प्रेरणा’ (त्रैमा) के संपादकीय सलाहकार एवं सुपरिचित कवि श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ को साहित्यिक योगदान के लिए वर्ष-२०१० के द्वितीय ‘सृजन-सम्मान’ से अलंकृत किया गया। श्री जितेन्द्र ‘जौहर’ को यह सम्मान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सोनभद्र के उप ज़िलाधिकारी...