
एक गीत की वो आवाज़ जो जब किसी हिन्दुस्तानी के कानो मैं पड़ती है तोउसे बड़ा सुकून देती है भारतीय संगीत की दुनिया मैं बड़े ही अद्व के साथ लिया जाने वालानाम पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी भारतीय संगीत-नभ के जगमगाते सदाक लिए डूवचूका है अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वरसदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. सुर ताल को अपनी आवाज़ मैं बाँध केर गाने वाले पंडित जी अद्भुभूत तरीके सेगाते थे अलवेला सन यो रे ,,और ठुमक ठुमक पग कुमत कुञ्ज...