मेरे इस संसार को यारों किसने खाक बना डालाआग लगा दी दुनिया ने बस्ती को राख बना डालाचले नहीं थे काँटों पर हम तपती रेत मिली मुझकोफिर भी निकल पड़े हम घर से फूल समझ उसको यारोंमुझे क्या पता लोग मेरे एक दिन दुश्मन हों जायेंगेमेरे बिस्तर से मुझे हटा उस पर ख़ुद ही सो जायेंगेआया था तूफान एक दिन जब मै छोटा थासभी लोग हँसते थे यारों, जब मै रोता थागया लड़कपन जब से मेरा तब से मै कुछ बड़ा हुआरेत को लेकर मुट्ठी में फिर से थोड़ा मै खड़ा हुआमेरी इस दुनिया को यारों किसने नर्क बना डालाज़हर पिला कर उसने तो लोगों को सर्प बना डालामेरे इस संसार को यारों किसने खाक बना डालाआग...