बहुत दिन हुएकोई चिट्ठी नहीं आईकोई मित्र नहीं आया दरवाजे पता पूछतेचिल्लाते नामबहुत दिन हुएदाखिल नहीं हुई कोई नन्ही सी चिड़ियातिनका-तिनका जोड़ा नहीं घरखिड़कियों से होकर किसी सुबहकिसी शामउतरा नहीं आकाशबहुत दिन हुए भूल गयाजाने क्या था उस लड़की का नाम !बहुत दिन हुएकरता रहा चाकरीगँवाता रहा उम्रकमाता रहा रुपएबहुत दिन हुए छोड़ दिया लड़नाबहुत दिन हुएभूल गया जी...