मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधीनव प्रकार के नव विचारकल्पनाओं के इश्वर ने , रच दिया नव संसारह्रदय व्याकुल है , उठी वेदनाफिर उमड़ी मन की आंधीकभी तीव्र कभी मंद गति से करती,मन को बेकल मन की आंधीमन में चलती है आंधी या मन ही है आंधीहवा के रुख को मोड़ा किसने?कुछ अच्छे कुछ मलिन विचारों कोलेकर उड़ चली मन की आ...