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शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

मेरी इच्छा के बन दीप.........(सत्यम शिवम)

मेरी इच्छा के बन दीप, हर पल,हर क्षण तुम जलते रहो, निशदिन प्रगति के पथ पर, अनवरत तुम चलते रहो। इतनी शक्ति दे ईश्वर, एक दिन जाओ दुनिया को जीत। मेरी इच्छा के बन दीप। सारी खुशीयाँ कदमों को चूमे, जीवन में हर पल आनंद झूमे। कभी भी ना तुम रहो उदास, ईश्वर में रखो सदा विश्वास। बुरे दिनों में तुम्हे राह दिखाए, मेरी मुस्कुराहटों का हर गीत। मेरी इच्छा के बन दीप। आकांक्षाओं को मेरे दो नया स्वरुप, आती जाती रहती है, जीवन में छावँ धूप। इक नया आसमां बनाओ, इक...