हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

शनिवार, 26 दिसंबर 2009

भारत भूमि वही अनुरागी ------ (डा श्याम गुप्त)

१.जन्म मिले यदि मानव का ,तो भारत भूमि वही अनुरागी |पुत्र बढे नेता का बनूँ ,निज खातिर देश की चिंता हो त्यागी |पाहन ऊंचे 'मौल' सजूँ , नित माया के दर्शन पाऊँ सुभागी |जो पशु हों तौ श्वान वही ,मिले कोठी औ कार रहूँ बड़भागी |काठ बनूँ तौ बनूँ कुरसी , मिल जाए मुराद मिले मन माँगी |श्याम जिसे ठुकराऊ मिले, फांसी या जेल सदा को हो दागी |२.वाहन हों तौ हीरो-होंडा, चलें वाल-युवा सब ही सुखरासी |वास रहे दिल्ली बेंगलूर,न चाहूँ अयोध्या मथुरा न काशी |नौकरी प्रथम क्लास मिले,हो सत्ता के मद में चूर नशा सी |पत्नी मिले जो संभाले दोऊ,घर,नौकरी बात न टाले जरासी |श्याम मिले...