जीवन मे हमनेआपस मेबहुत कुछ बाँटाबहुत कुछ पायादुख सुखकर्तव्य अधिकारइतने लंबे सफर मेजब टूटे हैं सबभ्रमपाश हुये मोह भँगक्या बचाएक सन्नाटे के सिवामै जानती थीयही होगा सिलाऔर मैने सहेज रखे थेकुछ हसीन पलकुछ यादेंहम दोनो केकुछ क्षणो के साक्षी1मगर अब उन्हें भीतुम से नहीं बाँट सकतीक्यों कि मै हर दिनउन पलों कोअपनी कलम मेसहेजती रही हूँजब तुममेरे पास होते हुये भीमेरे पास नही होतेतो ये कलम मेरेप्रेम गीत लिखतीमुझे बहलातीमेरे ज़ख्मों को सहलातीतुम्हारे साथ होने काएहसास देतीअब कैसे छोडूँइसका साथ्अब् कैसे दूँ वो पल तुम्हेंमगर अब भी चलूँगीतुम्हारे साथ साथ्पहले की तरह्क्यों...