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गुरुवार, 27 अगस्त 2009

"प्लेटफार्म पर भटकता बचपन"

उसके पापा की साइकिल मरम्मत की दुकान थी, आमदनी ज्यादा नही थी, सो पापा ने उसे बनारसी साङियो की एक फैक्टरी मे काम करने भेजा ,तब वह महज ८-९ साल के था।छोटा होने की वजह से हाथो की पकङ मजबूत नही थी, नतीजन साङी मे दाग छुट गया , इस बात पर गुस्साये ठेकेदार ने उस की पिटाई की। वह पापा के पास जा पहुचा ,पर पापा ने उस की बात नही सूनि और उन्होने भी उस की पिटाई की, फिर उसे जबरजस्ती उसी ठेकेदार के पास पहुचा दिया गया ,ठेकेदार ने उसे दोबारा पिटा , पर अब वह घर नही गया वह सिधा जा पहुचा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ।यहा से शुरु होती है उसके आगे की कहानी जब वह स्टेशनपहुचा तब...

हिन्दी साहित्य मंच " द्वितीय कविता प्रतियोगिता " सूचना

हिन्दी साहित्य मंच "द्वितीय कविता प्रतियोगिता " सितंबर " माह से शुरू हो रही है । इस कविता प्रतियोगिता के लिए किसी विषय का निर्धारण नहीं किया गया है अतः साहित्यप्रेमी स्वइच्छा से किसी भी विषय पर अपनी रचना भेज सकते हैं । रचना आपकी स्वरचित होना अनिवार्य है । आपकी रचना हमें अगस्त माह के अन्तिम दिन तक मिल जानी चाहिए । इसके बाद आयी हुई रचना स्वीकार नहीं की जायेगी ।आप अपनी रचना हमें " यूनिकोड या क्रूर्तिदेव " फांट में ही भेंजें । आप सभी से यह अनुरोध है कि मात्र एक ही रचना हमें कविता प्रतियोगिता हेतु भेजें । प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाली रचना...