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सोमवार, 14 सितंबर 2009

हिन्दी साहित्य मंच "निबंध प्रतियोगिता का सफल समापन"

हिन्दी साहित्य मंच द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता का सफल समापन हो गया है । इस प्रतियोगिता को कराने के पीछे प्रमुख उद्देश्य - लोगों की हिन्दी साहित्य के प्रति किस तरह की सोच और आकर्षण है । प्रतियोगिता का विषय था - " हिन्दी साहित्य का बचाव कैसे ? " । परन्तु दुखद बात यह रही की प्रतिभागी इस विषय से पूरी तरह अनभिज्ञ रहे । कहिं न कहीं वे अपने विषय से पूरी तरह बहके से दिखे । ऐसे में विजेता का चुनाव करना बहुत ही कठिन हो जाता है । अतः निबंध प्रतियोगिता में कुल तीन ही प्रतिभागी के निबंध को पुरस्कार हेतु चुना गया । विजेता के नाम -राजेश कुशवाहाडाo श्याम...

हिन्‍दी दिवस अर्थात क्‍या ?

आज शर्म का विषय है कि आज हिन्‍दी दिवस है।शर्म ही नही राष्ट्रीय शर्म का दिन, जिस दिन स्‍वयं आज हिन्‍दी अपने अस्तित्‍व को खोज रही है। आज लोग हिन्‍दी को हिन्‍दी दिवस कम, हिन्‍दी हास्‍य दिवस के रूप में ज्‍यादा मना रहे है। अर्द्ध हिन्‍दी-अंग्‍लभाषा का उपयोग कर व्‍यंग लिखे जा रहे है, हिन्‍दी और हिन्‍दी दिवस का उपहास किया जा रहा है। - प्रमेन्द्र प्रताप सिंह...

हिन्दी की वेदना ----"अनुज कौशिक"

पुरस्कृत रचना (सांत्वना पुरस्कार,,हिन्दी साहित्य मंच द्वितीय कविता प्रतियोगिता)कल रात एक देवी नेस्वप्न में दर्शन दियेचेहरे पर उदासी, कपड़ों में बदहवासीहाथों में तिरंगा पकड़े हुएपैर बेड़ियों में जकड़े हुएआँखों में वेदना थीइसीलिये उनके प्रति-मेरी संवेदना थीआखिर मैंने पूछ ही लिया-हे देवी ! आप कौन हैं ?जो इस हाल में भी मौन हैंहाथ में तिरंगा, पैरों में बेड़ियाँ, आँखों में पानी हैलगता है-भारत माँ की, आज़ादी की, कोई बीती कहानी हैइतना सुनते ही-उस देवी का मौन टूटामन की वेदना का ज्वार फूटाहे पुत्र ! जिसे तुम भारत माँ कहते होमैं उसी भारत माँ के-मस्तक का श्रृंगार...