हमारा प्रयास हिंदी विकास आइये हमारे साथ हिंदी साहित्य मंच पर ..

गुरुवार, 12 मई 2011

जो वो आ जाए एक बार ***** {कविता} ***** सन्तोष कुमार "प्यासा"

इस कविता को मैंने "महादेवी वर्मा" की कविता "जो तुम आ जाते एक बार" से, प्रेरित होकर लिखा है ******************************* घनीभूत पीड़ा में ह्रदय डूबा अश्रुओं संग बह रहा विषाद जल बिन मीन तडपे जैसे तडपाए, प्रेम उन्माद फिर सजीव हो जाए आसार जो वो आ जाएं एक बार ****************************** उसे पाने की बढ़ी लालसा ऐसी पल पल होती चाहत प्रखर ह्रदय के कोरे पृष्ठों में लिख दो आकर, प्रिताक्षर मेरे मन के उपवन में छा जाए बहार जो वो आ जाएं एक बार ******************************* अलि कलि पर जब मंडराए नभ पर विचरें जब विहंग खो जाऊं आलिंगन में उसकी मन...