राजनीतिज्ञो की राजनीति देखीधर्म, सम्प्रदाय में राजनीति दिखीजाति, भाषा से बंटे लोग देखेदेखा भाई-भतीजावाद का हर वो चेहरापर साहित्यकारों में भी राजनीति होगीइसकी कभी परिकल्पना नहीं कि थी मैंनेसब दिखा हंस और पाखी के प्रतिवाद मेंउस ज्ञान पीठ पुस्कार सेजिसे समृद्ध ज्ञानत्व वालें लोगो को दिया जाता हैआलोचक रचनाकारों के तेवरों ने भीदिखाया राजनीति का चेहरादिखाया कैसे एक साहित्यकारसाहित्य के क्षेत्र में एक छत्रराज करने को लालायित रहता हैअपनी ही पत्रिका और लेखनी कोसर्वोच्च ठहराने की जुगत करता हैइस क्रम में एक-दूसरे पर आक्षेपकरने से भी नहीं चूकताआदतें...