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सोमवार, 10 मई 2010

' इजी मनी-इजी सेक्स' वन नाइट स्टैड़ ' --------------मिथिलेश दुबे

नैतिकता की ढहती दीवारें यौवन का विनाश करने में लगी हैं । मर्यादाओं एवं वर्जनाओं में आई दुष्प्रभाव एवं दरारों के बीच किशोर कुम्हला रहे हैं और युवा विनिष्ट हो रहे हैं जिस सुख और साधन की तलाश में युवा नैतिकता के तडबंध तोड़ रहे हैं, वह उन्हे मनोग्रंथियों एवं शारीरिक अक्षमता के अलावा और कुछ नहीं दे पा रहें हैं । यह सब हो रहा है स्वच्छंद सुख की तलाश में । आज का युवा जिस राह पर बढ़ रहा है , वहाँ स्वच्छंदता का उन्माद तो है , लेकिन सुख का सुकून जरा भी नहीं है , बस अपनी भ्रान्ति एवं भ्रम में जिन्दगी को तहस -नहस करने पर तुला है । युवाओं में यह प्रवृत्ति संक्रामक...