सनातन भारतीय संस्कृति प्रतिको की संस्कृति मानी जाती है । इसके चिन्हों एवं प्रतिको के अर्थ गुहा , रहस्यपूर्ण एँव वैज्ञानिक हैं । प्रतीकों के तातपर्य बड़े ही रोचक एंव अनोखे होते हैं ।, इनका आशय न संमझ में आंने के कारण ही हमें ये बेढब और अटपटे लगते हैं । प्रतीकों के इसी क्रम में पताका , धव्ज या केतु को यश , प्रतिष्ठा तथा आस्था का प्रतीक माना जाता है । अपने यहाँ ध्वज का महत्व वैदिककाल से है । राजा के लिए ध्वज शौर्य , सर्वस्य एंव राज्योत्कर्ष का प्रतिक है ,। धर्मायतनों में लहराती-फहराती हुई पताकाएं अलग-अलग आस्था और आस्तिकता की परिचायक होती हैं । ध्वज...