समूचा जन-समुदाय कलियुग की आपदायें सहता हुआ त्राहि-त्राहि कर रहा था। जन-समुदाय की करुण पुकार पर आसमान में एक छवि अंकित हुई और आकाशवाणी हुई-‘‘तुम लोग कौन?’’ एक छोटे से समूह से आवाज उभरी-‘‘हिन्दू।’’और आसमान से एक हाथ ने आकर उस हिन्दू समुदाय को आपदाओं से मुक्त कर दिया। अभी भी कुछ लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे। पुनः आकाशवाणी हुई-‘‘तुम लोग कौन?’’शेष जन-समूह के एक छोटे से भाग से स्वर उभरा-‘‘मुसलमान।’’पुनः एक हाथ ने मुस्लिम समुदाय को भी आपदाओं से बचा लिया। अभी भी कुछ लोग शेष थे। पुनः वही प्रश्न गूँजा-‘‘तुम लोग कौन?’’ भीड़ का एक छोटा सा हिस्सा चिल्लाया-‘‘ईसाई।’’एक...