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गुरुवार, 26 मार्च 2009

‘‘आर्य समाज: नागार्जुन की दृष्टि में’’ डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’

राजकीय महाविद्यालय, खटीमा में हिन्दी के विभागाध्यक्ष वाचस्पति जी थे । बाबा नागार्जुन अक्सर उनके यहाँ प्रवास कर लिया करते थे । इस बार भी जून के अन्तिम सप्ताह में बाबा का प्रवास खटीमा में हुआ । दो जुलाई, 1989, महर्षि दयानन्द विद्या मन्दिर टनकपुर में बाबा नागार्जुन के सम्मान में कवि गोष्ठी का आयोजन था । उसमें बाबा ने कहा शास्त्री जी 5,6,7 जुलाई को मैं खटीमा मे आपके घर रहूँगा । प्रातःकाल 5 जुलाई को प्रातःकाल शर्मा जी का बड़ा पुत्र अनिमेष बाबा को मेरे...