
विवेक आलोक विस्तृत हो जग मेंछट जाए दुःख दरिद्रता का अंधकारपग-पग सौहार्द के दीप जलाएप्रेमालोक में डूब जाए संसारउर की अभिलाषाए पूर्ण करेंदीपावली का यह शुभ त्यौहार.....**************************************"हिंदी साहित्य मंच" की ओर से आप सभी को प्रकाशपर्व की हार्दिक शुभकामनाए!छवि गूगल से साभार....