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शनिवार, 29 जनवरी 2011

तुम हो अब भी……...(सत्यम शिवम)

मौन मेरा स्नेह अब भी, जो दिया,तुमसे लिया मै। प्यार मेरा चुप है अब भी, क्यों किया,जो है किया मै। भूल से हुई इक खता, मैने रुलाया खुब तुमको, खुद भी रोया, कह ना पाया, नैना मेरे ढ़ुँढ़े उनको। तुम कही हो,मै कही हूँ, तुम ना मेरी,मै नहीं हूँ। पर है वैसा ही सुहाना, प्यार का मौसम तो अब भी। साथ तेरा छोड़ दामन, प्यार का बंधन छुड़ाया, रुठ चुकी है खुशियाँ अपनी, प्यार हमारा लुट न पाया। ख्वाबों में फिर हर रात ही, न जाने क्यों आती हो तुम तो अब भी। राहे...