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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009

मेरे प्यार के बदले----------------(किशोर कुमार खोरेन्द्र)

-मेरे प्यार के बदलेतुम मुझेअपने मन मे रख लोतुम्हारे अश्रु सारे पी जाउंगानिहार लूँगा मै तुम्हेजब देखोगी तुम दर्पणतुम मुझे अपने नयन मे रख लो-मेरे प्यार के बदलेतुम मुझे अपने स्मरण मे रख लोतुम्हारी कल्पनाओ मे स्मृतियों का रंग बन जाऊँगाआह्लादित हो जाउंगा तुम्हारी गरीमा सेतुम मुझे अपने शरण मे रख लो-मेरे प्यार के बदलेतुम मुझे अपने सपनो के आँगन के कण -कण मे रख लोबिछुड़ने न दूंगा प्रणय-पल को स्वप्न मे भीमिट जाऊंगा मै भी संग तुम्हारेतुम मुझे अपने निज समर्पण मे रख लो-देह कहा अमर हैआजमरण ,कल नूतन बचपन हैमेरे प्यार के बदलेहे प्रिये -तुम मुझे -अपने साथ भावी...